स्कूल का पहला दिन
स्कूल का पहला दिन
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पहिले दिन जब स्कूल गयेन मास्टर साहब खुब प्यार किहिन।
अपने हांथन से उठा हमैं फिर गोदी मा बैठारि लिहिन।।
हमसे पूंछिन का नाम तुम्हार,कौने गांवैं मां रहत हवव।
बप्पा तुमका मारत तो नहीं उनका कहिना तुम मानत हव ।।
अम्मा तुम्हरी रोईं तो नहीं स्कूलै तुम का भेजि दिहिन।
तेल और काजर लगा तुम्हैं लड़ुआ,लेड्डू खुब बांधि दिहिन।।
तब हम बोलेन मास्टर साहब से बप्पा जब हमका लइकै चले
अम्मा हमरी रोवन लागीं।
लल्ला का ठीक से लई जायेव खुब जोर जोर बोलन लागीं।।
फिर चलत समय चूमिन चाटिन काने मा एक बात कहेन।
स्कूल मा जाकै खूब पढ़ेव ,पाटी बुरकला पकराय दिहेन।।
मास्टर साहब का कहिना मानेव कक्षा मा जाकै खूब पढ़ेव।
झगड़ा कोहू से नहीं करेव कपड़ों आपन साफै राखेव।।
हमहूं अम्मा, बापू के पैर छुआ स्कूल मा अपने आई गयेन।
मास्टर साहब के पांव छुआ कक्षा मा जाकै बैठि गयेन।।
स्कूल मा पहिले दिन हमका खुब दोस्तौ गले लगाय लिहिन।
लड़ुआ, लेड्डू जो बंधे रहैं मिल बांटि कै सबरे खाई विहिन।।
लौटि का जब हम घर आयेन अम्मौ गोदी मा उठा लिहिन।
सीने से लगा चूमिन चाटिन आंसुन से हमका नहिलाय दिहिन।।
पूंछैं लागीं कोऊ मारेस तो नहीं झगड़ा तो कोऊ नहीं करेस।
मास्टर साहबौ खुब प्यार किहिन परेशान कोऊ ना करेस।।
स्कूल का पहिला दिन हमार खुब मस्ती मा कटा रहै।
नये-नये खुब दोस्त मिले ककहरा लिखैं का मिला रहै।।
मास्टर साहब घर के खातिर कामौ खुब सबका दई डारेन।
हम सबका खुब प्यार किहिन कोहू का नहीं डांटेन मारेन।।
स्वरचित:- विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
Gunjan Kamal
28-Jul-2023 08:22 AM
👌👏
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